SENGAR RAJPUT VANSH
सेंगर राजपूत वंश सेंगर राजपूत वंश को 36 कुली सिंगार या क्षत्रियों के 36 कुल का आभूषण भी कहा जाता है, यह बंश न कवल वीरता एवं जुझारूपन के लिए बल्कि सभ्यता और सुसंस्कार के लिए भी विख्यात है. ====================================== सेंगर राजपूतो का गोत्र,कुलदेवी इत्यादि गोत्र-गौतम, प्रवर तीन-गौतम ,वशिष्ठ,ब्रहास्पतय वेद-यजुर्वेद ,शाखा वाजसनेयी, सूत्र पारस्कर कुलदेवी -विंध्यवासिनी देवी नदी-सेंगर नदी गुरु-विश्वामित्र ऋषि-श्रृंगी ध्वजा -लाल सेंगर राजपूत विजयादशमी को कटार पूजन करते हैं. ====================================== सेंगर राजपूत वंश की उत्पत्ति(origin of sengar rajput) इस क्षत्रिय वंश की उत्पत्ति के विषय में कई मत प्रचलित हैं, 1- ठाकुर ईश्वर सिंह मडाड द्वारा रचित राजपूत वंशावली के प्रष्ठ संख्या 168,169 के अनुसार"इस वंश की उत्पत्ति के विषय में ब्रह्म पुराण में वर्णन आता है.चन्द्रवंशी राजा महामना के दुसरे पुत्र तितुक्षू ने पूर्वी भारत में अपना राज्य स्थापित किय,इस्नके वंशज प्रतापी राजा बलि हुए,इनके अंग,बंग,कलिंग आदि 5 पुत्र हुए जो बालेय कहलाते थे, राजा अंग ने अपने नाम से अंग देश बसाय